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Wednesday, October 9, 2024

स्त्री दर्पण की ओर से आप सबको नव वर्ष की मंगलकामनाएं

मित्रो महादेवी की पुण्यतिथि 11 सितम्बर को स्त्री दर्पण लांच किया गया ।करीब तीन माह में हमने कस्तूरबा , बंग महिला उर्फ राजबाला घोष ,रामेश्वरी नेहरू ,शिवरानी देवी ,महादेवी वर्मा, चंद्र किरण सोनरेक्सा , उषा प्रियम्वदा, निर्मला जैन ,मृदुला गर्ग ,ममता कालिया प्रभा खेतान ,सुधा अरोड़ा ,मैत्रेयी पुष्पा, रोहिणी अग्रवाल और अलका सरावगी का जन्मदिन मनाया । इसके अलावा इस्मत चुगताई परवीन शाकिर और फहमीदा रियाज को भी याद किया गया। हमने महादेवी पर एक औडिओ नाटक भी किया।मंगलेश जी को श्रद्धांजलि देते हुए 9 युवा कवयित्रियों द्वारा उनकी रचनाओं का पाठ किया।
इसके साथ ही धर्मवीर भारती रघुवीर सहाय कुंवर नारायण विष्णु खरे , मंगलेश डबराल की कविताओं में स्त्री पक्ष पर कार्यक्रम हुए।
अब हम जनवरी में महाश्वेता देवी कृष्णा सोबती मन्नू भंडारी पर कार्यक्रम करेंगे।
अगले वर्ष कुछ और लेखिकाओ के जन्मदन मनाएंगे।
हमने अफ्रीकी कवयित्रियों की एक श्रृंखला चलाई ।नवजागरण काल की लेखिकाओं पर भी आलेख दिए।जर्मनी की कवयित्रियों पर एक श्रृंखला शुरू की।
आशा है आपको हमारा प्रयास पसंद आया होगा।
हमारा प्रयास देश भर की महत्वपूर्ण महिला सहित्यकारों पर कार्यक्रम करने का है।8 मॉर्च को एक बड़ा कार्यक्रम करेंगे। 14 जनवरी को महाश्वेता देवी पर 25 जनवरी को कृष्णा सोबती पर कार्यक्रम करेंगे। दो जनवरी को जैनेंद्र के साहित्य में स्त्री विमर्श पर कार्यक्रम कर रहे हैं।
सहयोगी टीम :, डॉ रीता दास राम, डॉ सुनीता, अरुन्धती शर्मा ,अलका तिवारी अंजू शर्मा, डॉ सीमा शर्मा ,प्रज्ञा रोहिणी, शिल्पा झा, स्मिता कर्नाटक , अलका प्रकाश , प्रज्ञा तिवारी
मधु सिंह निमिषा सिंघल
वक्ता :राधा भट्ट , निर्मला जैन ,मृदुला गर्ग ,मैत्रेयी पुष्पा सुधा अरोड़ा ,मधु कांकरिया, सुधा सिंह प्रज्ञा पाठक ,रेखा सेठी प्रज्ञा रावत , शर्मिला बोहरा जलान , सुनंदा पराशर नाज़िश अंसारी ,राना सिद्दीक़्क़ी जमा , विजय बहादुर सिंह , विनोद भारद्वाज , विजय कुमार ,जबरीमल पारख ,रामबक्ष वीरेंद्र यादव , विजय कुमार अखिलेश सुमनिका सेठी अजय बह्मात्मज ,रूपा गुप्ता प्रज्ञा पाठक सुनंदा पुष्कर , पल्लव , मधु कांकरिया ,वैभव सिंह , डॉ क्षमा शंकर पण्डेय अरुण होता, राकेश रेणु , साधना अग्रवाल
पाठ /आलेख : अलका सरावगी ,अल्पना मिश्र ,वन्दना राग ,प्रत्यक्षा , चित्रा देसाई, विपिन चौधरी , लीना मल्होत्रा ,वसुंधरा व्यास , राकेश बिहारी, अलका सिन्हा ,कृष्ण मोहन झा, अनुराधा सिंह ,रश्मि भारद्वाज ,अंजू शर्मा सपना सिंह रश्मि शर्मा , प्रतिभा गोटिवले, संध्या कुलकर्णीसंवेदना रावत , जयश्री सिंह ,पंकज मित्र , मनोज पांडेय , किंग्सन पटेल , शिल्पा झा ,अणुशक्ति सिंह ,प्रज्ञा तिवारी ,डॉ सुमिता, अस्मिता तिवारी, दिव्या विजय , पंखुरी सिन्हा, अनामिका चक्रवर्ती ,मिथिलेश कुमारी,, नूतन गैरोला ,सोनाली बोस, सुलोचना ,विभावरी , ममता शर्मा, रश्मि मालवीय ,अनामिका चक्रवर्ती, मीनाक्षी चौधरी , डॉ विभा सिंह , यादवेंद्र, उज्ज्वल भट्टाचार्य सदानंद शाही रामेश्वर राय ,श्रीविलास सिंह आशीष कुमार, सुजीत कुमार सिंह,किंग्सन पटेल , सुंदरम शांडिल्य ,शुभा श्रीवास्तव पल्लवी प्रकाश ,सिया सचदेव, इंदुबाला ,मेधा , प्रमोद कुमार तिवारी , कंचन राय और जयश्री सिंह ।

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स्त्री दर्पण स्थापना दिवस
11 सिंतबर 2020
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हिंदी का उत्कृष्ट साहित्य विशेषकर स्त्री विमर्श से संबंधित साहित्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पेश करने के उद्देश्य से यह मंच बनाया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना2 020 में महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि परकी गई थी। इस मंच पर अब तक करींब 50 से अधिक लेखिकाओं के जन्मदिन पर समारोह आयोजित किए जा चुके हैं और साहित्य से जुड़ी कई नई श्रृंखला भी प्रारंभ की गई ।”स्त्री दर्पण” ने कस्तूरबा गांधी राजेन्द्रबाला घोष, शिवरानी देवी रामेश्वरी नेहरू , महादेवी वर्मा,, सुभद्रा कुमारी चौहान,उमा नेहरू, कमला देवी चौधरी, चंद किरण सोनरेक्सा , कृष्णा सोबती, महाश्वेता देवी, इस्मत चुगताई , मन्नू भंडारी जैसी लेखिकाओं से लेकर अनामिका और सविता सिंह के जन्मदिन पर भी कार्यक्रम आयोजित किए। इसके अलावा “स्त्री दर्पण” ने लेखिकाओं की पत्नियों पर एक श्रृंखला चलाई जिसमें तुलसीदास रवींद्रनाथ टैगोर रामचंद्र शुक्ल मैथिली शरण गुप्त, शिवपूजन सहाय बेनीपुरी जैनेंद्र, गोपाल सिंह नेपाली रामविलास शर्मा नागार्जुन से लेकर ज्ञानरंजन और राजेन्द्र दानी की पत्नियों के जीवन पर आलेख प्रस्तुत किए गए। हमने 25 अफ्रीकी कवयित्रियों की कविताओं के अनुवाद की भी एक शृंखला चलाई।इन कविताओं का अनुवाद श्री विलास सिंह ने किया।संयोजन पारुल बंसल ने किया।साथ ही हमने 25 समकालीन कवियों की कविताओं का पाठ भी आयोजित किया।इसका संचालन अनुराधा ओस ने किया। उसके बाद “प्रतिरोध की कविताओं ” श्रृंखला भी चलाई गई जिसमें 20 से अधिक महत्वपूर्ण कवयित्रियों की कविताओं पेश की गई ।इसका संयोजन सविता सिंह और रीतादास राम ने किया।इसके अलावा बांग्ला कवियों की कविताओं के अनुवाद की भी शृंखला हमने पेश की ।यह अनुवाद लिपिका साहा ने किए और संयोजन अलका तिवारी ने किए।इसके अलावा मुक्तिबोध की स्मृति में नौ वरिष्ठ कवियों की प्रेम कविताओं का भी पाठ आयोजित किया गया।इन कविताओं का पाठ सोमा बनर्जी ने किया। साथ ही दिवंगत कवि अज्ञेय , केदारनाथ सिंह विष्णु खरे मंगलेश डबराल की स्मृति में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए।विश्व कवयित्रियों की कविताओं पर भी एक शृंखला आरंभ की गई।
स्त्री दर्पण ने कवयित्रियों के रचना पाठ पर भी कई कार्यक्रम किये। पुस्तक परिचर्चा की शृंखला पारुल बंसल ने की।
स्त्री दर्पण ने कई नए प्रयोग किए और लोगों ने उसे सराहा।
स्त्री दर्पण डॉक्टर सुनीता का विशेष आभार करता है जिसने इस मंच को बनाया।इसके अलावा टीम के सदस्यों को विशेष आभार जिनके बिना यह सब संभव नहीं होता।

चीफ एडमिन

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