Wednesday, December 25, 2024

सुधा अरोड़ा

जन्म : अविभाजित लाहौर (अब पश्चिमी पाकिस्तान) में 4 अक्टूबर 1946 को। 1947 में लाहौर से कलकत्ता ।
शिक्षा : स्कूल से लेकर एम.ए. तक की शिक्षा कलकत्ता में ही हुई। 1962 में श्री शिक्षायतन स्कूल से प्रथम श्रेणी में हायर सेकेण्डरी पास की। 1965 में श्री शिक्षायतन कालेज से बी.ए.आनर्स और 1967 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए.(हिन्दी साहित्य) किया। दोनों बार गोल्ड मेडलिस्ट।
पहली लिखित कहानी ‘एक सेंटीमेंटल डायरी की मौत’ सारिका : मार्च 1966 में प्रकाशित। पहली प्रकाशित कहानी ‘मरी हुई चीज़’ ज्ञानोदय सितम्बर 1965 में। 1968 में छात्र जीवन में ही प्रथम कहानी संग्रह ‘ बगैर तराशे हुए’ का प्रकाशन हुआ।
कार्यक्षेत्र :
∙ 1965 से 1967 तक कलकत्ता विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘प्रक्रिया’ का संपादन.
∙ 1969 से 1971 तक कलकत्ता के दो डिग्री कालेजों श्री शिक्षायतन और आशुतोष कालेज के प्रातःकालीन महिला विभाग जोगमाया देवी कालेज में अध्यापन .
∙ 1977 – 1978 के दौरान कमलेश्वर के संपादन में ‘कथायात्रा’ में सहयोगी संपादक
∙ 1993 -1999 तक महिला संगठन ‘हेल्प’ से संबद्ध,. कई कार्यशालाओं में भागीदारी
∙ 2000 से अब तक – वसुंधरा पुस्तक केंद्र तथा सलाहकार केंद्र से संबद्ध.
कहानी संग्रह :
∙ बगैर तराशे हुए (1967) – लोकभारती प्रकाशन , इलाहाबाद
∙ यु़द्धविराम (1977) – छह लंबी कहानियां – पराग प्रकाशन , दिल्ली
∙ महानगर की मैथिली ( 1987 ) – नेशनल पब्लिशिंग हाउस , दिल्ली
∙ काला शुक्रवार ( 2004 ) – राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
∙ कांसे का गिलास ( 2004 ) – पांच लंबी कहानियां – आधार प्रकाशन, पंचकूला ,हरियाणा
∙ मेरी तेरह कहानियां ( 2005 ) – अभिरुचि प्रकाशन, दिल्ली
∙ रहोगी तुम वही ( 2007 ) – रे माधव प्रकाशन, नोएडा, उ॰प्र॰
∙ 21 श्रेष्ठ कहानियां ( 2009 ) – डायमंड बुक्स, दिल्ली
∙ एक औरत: तीन बटा चार ( 2011 ) – बोधि प्रकाशन, जयपुर
∙ मेरी प्रिय कथाएं ( 2012 ) – ज्योतिपर्व प्रकाशन , दिल्ली
∙ 10 प्रतिनिधि कहानियां ( 2013 ) – किताबघर प्रकाशन, दिल्ली
∙ अन्नपूर्णा मंडल की आखिरी चिट्ठी ( 2014 ) – साहित्य भंडार , इलाहाबाद
∙ बुत जब बोलते हैं ( 2015 ) – लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद
∙ चुनी हुई कहानियां ( 2016 ) – अमन प्रकाशन, कानपुर
उपन्यास :
∙ यहीं कहीं था घर (2010) – सामयिक प्रकाशन , दिल्ली
स्त्री विमर्श :
∙ आम औरत: जि़न्दा सवाल (2008) – सामयिक प्रकाशन , दिल्ली
∙ एक औरत की नोटबुक (2010) – मानव प्रकाशन , कोलकाता
∙ एक औरत की नोटबुक (2015) – राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
∙ सांकल सपने और सवाल (2018) – लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद
∙ स्त्री समय संवाद – (साक्षात्कार) (2016) – साहित्य भंडार , इलाहाबाद

कविता संकलन :
∙ रचेंगे हम साझा इतिहास ( 2012 ) – मेधा बुक्स , दिल्ली
∙ कम से कम एक दरवाज़ा ( 2015 ) बोधि प्रकाशन , जयपुर
एकांकी: ऑड मैन आउट उर्फ बिरादरी बाहर (2011) – राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
संपादन : औरत की कहानी (2008) – भारतीय ज्ञानपीठ , दिल्ली
∙ भारतीय महिला कलाकारों के आत्मकथ्यों के दो संकलन—‘दहलीज़ को लाँघते हुए’ और ‘पंखों की उड़ान’- स्पैरो, मुंबई ( Sound and Picture Archives for Research on Women )

∙ मन्नू भंडारी: सृजन के शिखर ( 2010 ) – किताबघर प्रकाशन, दिल्ली
∙ मन्नू भंडारी का रचनात्मक अवदान ( 2012 ) – किताबघर प्रकाशन, दिल्ली
∙ स्त्री संवेदना : विमर्श के निकष ( 2015) – दो खंड – साहित्य भंडार इलाहाबाद
∙ कसौटी पर कथा ( 2022 ) लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद

………………………
अनुवाद :

∙ कहानियां लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेजी, फ्रेंच, पोलिश, चेक ,जापानी, डच, जर्मन, इतालवी तथा ताजिकी भाषाओं में अनूदित और इन भाषाओं के संकलनों में प्रकाशित।
∙ रहोगी तुम वही ( 2008 – उर्दू भाषा में; किताबदार, मुंबई )
∙ उंबरठ्याच्या अल्याड पल्याड-(मनोविकास प्रकाशन, पुणे, महाराष्ट्र) (2012-स्त्री विमर्श पर आलेखों का संकलन मराठी भाषा में) मैथिलीच गोश्ट -(प्राजक्त प्रकाशन, पुणे, महाराष्ट्र – 2015 कहानी संकलन )
∙ वेख धीयां दे लेख – यहीं कहीं था घर उपन्यास का पंजाबी अनुवाद

टेलीफिल्म :
∙ ‘ युद्धविराम’ , ‘दहलीज़ पर संवाद’ , ‘इतिहास दोहराता है’ तथा ‘जानकीनामा’ पर दूरदर्शन द्वारा लघु फिल्में निर्मित. दूरदर्शन के ‘समांतर’ कार्यक्रम के लिए कुछ लघुफिल्मों का निर्माण
∙ ‘ रहोगी तुम वही’ कहानी पर पाकिस्तान के ‘हम टीवी’ चैनेल द्वारा चार किस्तों में धारावाहिक प्रस्तुति
फिल्म पटकथाएँ :
∙ ( पटकथा—बवंडर), टी. वी. धारावाहिक और कई रेडियो नाटकों का लेखन ।
साक्षात्कार :
∙ उर्दू की प्रख्यात लेखिका इस्मत चुग़ताई, बंग्ला की सम्मानित लेखिका सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी (नलिनी सिंह के कार्यक्रम ‘सच की परछाइयां’ के लिए) हिन्दी की प्रतिष्ठित लेखिका मन्नू भंडारी, लेखक भीष्म साहनी, राजेंद्र यादव, नाटककार लक्ष्मीनारायण लाल आदि रचनाकारों का कोलकाता दूरदर्शन के लिए साक्षात्कार ।
स्तंभ लेखन :
∙ सन् 1977-78 में पाक्षिक ‘सारिका’ में ‘आम आदमी: जिन्दा सवाल’ का नियमित लेखन
∙ सन् 1997-98 में दैनिक अखबार ‘जनसत्ता’ में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर साप्ताहिक कालम ‘वामा’ महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय रहा।
∙ मार्च 2004 से मार्च 2009 तक मासिक पत्रिका ‘ कथादेश’ में ‘औरत की दुनिया’ स्तंभ बहुचर्चित
∙ सन् 2004 से 2009 तक कथादेश में ‘औरत की दुनिया‘ और 2013 से ‘राख में दबी चिनगारी’ स्‍तंभ ने साहित्यिक परिदृश्‍य पर अपनी खास जगह बनाई है ।

अन्य : कक्षा ग्यारहवीं, बी.ए. तथा एम.ए.के पाठ्यक्रम में कहानियां तथा आलेख शामिल !
सम्मान :
∙ सन् 1978 का उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा विशेष पुरस्कार.
∙ सन् 2008 का साहित्य क्षेत्र का भारत निर्माण सम्मान, सन् 2010 का प्रियदर्शिनी सम्मान .
∙ सन् 2011 का वीमेंस अचीवर अवार्ड .
∙ सन् 2011 का केंद्रीय हिंदी निदेशालय का पुरस्कार
∙ सन् 2012 का महाराष्‍ट राज्‍य हिंदी अकादमी सम्‍मान,
∙ सन् 2014 का वाग्‍मणि सम्‍मान
∙ सन् 2015 का मुंशी प्रेमचंद कथा सम्मान
∙ सन् 2016 का मीरा स्मृति सम्‍मान

सम्पर्क: 1702, सॉलिटेअर, हीरानंदानी गार्डेन्स, पवई, मुंबई-400 076.
फोन: 90824 55039
ई-मेल : [email protected]

वसुंधरा , 602, गेटवे प्लाज़ा, हीरानंदानी गार्डेन्स, पवई, मुंबई-400 076
फोन: 022 2579 7872 / 022 2570 5291
ई-मेल : [email protected]

…………………

सुधा अरोड़ा

सातवें दशक की चर्चित स्त्रीवादी कथाकार, कवयित्री और चिंतक
सुधा अरोड़ा का जन्म 4 अक्टूबर 1946 को लाहौर में और शिक्षा कोलकाता में हुई। 1967 में हिन्दी साहित्य में एम ए तथा बी ए ऑनर्स में दो बार स्वर्णपदक प्राप्त करनेवाली सुधा जी ने कलकत्ता के दो डिग्री कॉलेजों में अध्यापन कार्य किया। उनकी पहली कहानी ‘मरी हुई चीज’ ज्ञानोदय सितम्‍बर 1965 में और पहला कहानी संग्रह ‘बगैर तराशे हुए’ 1967 में प्रकाशित हुआ । 1972 में मुंबई आने के बाद वे हेल्‍प संस्‍था से जुडने के बाद वे सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित रहीं ।
अब तक उनके 14 कहानी संकलन प्रकाशित हो चुके हैं – जिनमें ‘महानगर की मैथिली’, ‘काला शुक्रवार’, ‘रहोगी तुम वही’, ‘एक औरत : तीन बटा चार’, ‘अन्‍नपूर्णा मंडल की आखिरी चिट्ठी’ और ‘ बुत जब बोलते हैं ‘ चर्चित रहे हैं , दो कविता संकलन — रचेंगे हम साझा इतिहास और कम से कम एक दरवाज़ा तथा एक उपन्यास के अतिरिक्त वैचारिक लेखों की दो किताबें ‘आम औरत ज़िंदा सवाल’ और ‘एक औरत की नोटबुक’ भी प्रकाशित हो चुकी हैं।
उनकी कहानियां लगभग सभी भारतीय भाषाओं के अतिरिक्‍त अंग्रेजी, फ्रेंच, पोलिश, जर्मन, इतालवी, चेक, डच, जापानी और ताजिकी आदि में अनूदित हो चुकी हैं ।
1977-78 में पाक्षिक सारिका में सुधा अरोड़ा के स्तंभ ‘आम आदमी : जिंदा सवाल’, 1997-98 में दैनिक अखबार जनसत्‍ता में साप्‍ताहिक स्‍तंभ ‘वामा’ , 2004 से 2009 तक कथादेश में ‘औरत की दुनिया‘ और 2013 से ‘राख में दबी चिनगारी’ स्‍तंभ ने साहित्यिक परिदृश्‍य पर अपनी खास जगह बनाई है ।
सुधा जी की कहानियों – ‘युद्धविराम’, ‘दहलीज़ पर संवाद’, ‘इतिहास दोहराता है’ तथा ‘जानकीनामा’ पर मुंबई , लखनऊ , कोलकाता दूरदर्शन तथा प्रसार भारती द्वारा लघु फिल्में निर्मित हुई हैं और मुंबई दूरदर्शन के ‘समांतर’ कार्यक्रम के लिए कुछ लघु फिल्मों के निर्माण में भी उनकी भूमिका रही है ! पाकिस्तान के हम टीवी चैनल ने उनकी कहानी ‘रहोगी तुम वही’ पर चार किस्तों में धारावाहिक का निर्माण और प्रसारण किया !
सुधा जी ने उर्दू की प्रख्यात लेखिका इस्मत चुग़ताई , बांग्ला की सम्मानित लेखिका सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी , हिन्दी की प्रतिष्ठित लेखिका मन्नू भंडारी , लेखक भीष्म साहनी , राजेंद्र यादव, नाटककार लक्ष्मीनारायण लाल आदि रचनाकारों का कोलकाता दूरदर्शन के लिए साक्षात्कार लिया ।
सुधा जी ने बड़े पैमाने पर अनुवाद, सम्पादन और स्‍तंभ लेखन किया है तथा भंवरीदेवी पर बनी फिल्म ‘बवंडर’ की पटकथा लिखी है । अंग्रेजी में स्‍त्री मुद्दों पर उनके आलेख द हिंदू, द टिब्‍यून, मानुषी, इंडियन लिटरेचर आदि में प्रकाशित हुए हैं ।
सुधा जी के लेखकीय सरोकार उन्हें दूसरी समकालीन लेखिकाओं से अलग खड़े करते हैं । उन्होंने समाज से अपना रिश्ता महज कहानियों के उपजीव्य के लिए नहीं बनाया बल्कि उन मुद्दों पर लगातार आलेखों के माध्‍यम से हस्‍तक्षेप करती रहीं जो सबसे उत्पीड़ित तबके के रूप में स्त्री को लगातार अलगाव, अवसाद और आत्महत्या की ओर धकेलते रहे हैं।
सन् 1978 में उ.प्र. हिंदी संस्‍थान, 2008 में भारत निर्माण सम्‍मान , 2010 में प्रियदर्शिनी पुरस्‍कार , 2011 में वीमेन्‍स अचीवर अवॉर्ड, 2012 में महाराष्‍ट राज्‍य हिंदी अकादमी सम्‍मान और 2014 में राजस्‍थान के वाग्‍मणि सम्‍मान, 2015 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय के राष्ट्रीय सम्मान, 2016 में मुंशी प्रेमचंद कथा सम्मान और सन् 2016 में मीरा स्मृति सम्‍मान से सम्‍मानित .

संपर्क – 1702 , सॉलिटेअर , डेल्‍फी के सामने , हीरानंदानी गार्डेन्‍स , पवई , मुबई – 400 076 फोन – 022 4005 7872 / 097574 94505 [email protected]

……………….

……………….

error: Content is protected !!