Tuesday, May 14, 2024

नाम-महिमाश्री
निवास- पटना
शिक्षा:- स्नातकोत्तर- पत्रकारिता व जनसंचार (मा.च.रा.प.ज.वि.), एम.सी.ए.(इग्नु)
-सीनियर फेलोशिप,मिनिस्ट्ररी ऑफ कल्चर,नई दिल्ली, 2021
– सात वर्ष(2007-2014) कॉरपोरेट कंपनी(नई दिल्ली) में कार्य करने के बाद वर्तमान में
-स्वतंत्र लेखन व पत्रकारिता
-एकल काव्य संकलन “अकुलाहटें मेरे मन की”, अंजुमन प्रकाशन 2015, 
                                       “जरुरी है प्रेम करते रहना,”  लोकोदय प्रकाशन, 2021
-कहानी संग्रह- “एक और नई दीवार”, लोकोदय प्रकाशन, 2021(शीघ्र प्रकाश्य)
-कई साझा संकलनों में कविताएं, ग़ज़ल, व लघुकथा प्रकाशित 
-देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और वेब पत्रिकाओं में कविताएँ, लघुकथा, आलेख एवं समीक्षाएं  प्रकाशित।
-यूटयूब चैनेल TheFullvolume.com के लिए बिहार के साहित्यकारों का साक्षात्कार
-सामाजिक कार्यों में सहभागिता, कैंसर जागरुकता के लिए डॉक्टरों के अभियान में सहयोग
मेल:- [email protected]
Blogs:www.mahimashree.blogspots.com

………………………….

कविताएं

बारिश, छतरी और प्यार

नायिका सफेद साड़ी में ,
घबराई- सकुचाई भागी जा रही है।
नायक पीछा करता जा रहा है।
 
बारिश की पहली फुहार और पहला प्यार
नायक ने नायिका के हाथ से लेकर खोल दी छतरी ,
एक ही छतरी में आधे भीगे-आधे सूखे
डूबे हैं एक दूसरे की आँखों में
 
बारिश की बूंदे भीगो रही चेहरे को
नायक के चेहरे पर है बेफ्रिक प्यार में पगी आँखें
नायिका के चेहरे पर रुसवाइयों का डर,प्यार की तड़प  
पार्श्व में बज रहा है- “प्यार हुआ इकरार हुआ
 
नायक ने  माउथ ऑर्गन से बजाई
फिर वही धुन
“कहो की अपनी प्रीत का गीत न बदलेगा कभी”
प्यार ,छतरी और बारिश
और कभी न बिछड़ने का वायदा
 
रुमान के जादूगर “राज कपूर- नरगिस,  
छतरी और बारिश” 
सफेद-श्याम दृश्य देखते-जीते-मरते
जाने कितनी पीढीयाँ गुजर गई/  गुजरेगी  
रुमानियत के कैनवस पर यह
दृश्य बार-बार उकेरी जायेगी।

किक मारती मांगलिक कन्या

वीरवार को कन्या की दादी ने पंडित को बुलाया
पंडित ने कन्या की कुंडली में मांगलिक भाव पाया
ये तो बड़ा फेरा है अब क्या होगा बच्ची का 
सोच के दादी का सर चकराया
कॉलेज जाती कन्या बैठ गई पास
दादी की पेशानी पर देख बल
पूछ बैठी-“ क्यों है गम का साया”
ऐसा क्या पंडित जी ने है बताया
दादी ने कहा –“ तू मांगलिक है बेटा”
मांगलिक माने मंगल यानि शुभ 
यानि मैं बहुत लकी हुई न दादी
ना पंडित ने धीरे से फरमाया
क्यों नहीं पंडित जी- कन्या ने रोष जताया
पंडित ने दबी आवाज में मांगलिक कन्या के लक्षण बताये
कुंडली में मंगल वक्री होने से जातिका के विवाह में होती है बहुत परेशानी
सुनो माता जी- मांगलिक दोष ग्रसित कन्याओं को
मांगलिक युवक से ही विवाह उचित बताया गया है।
अगर मांगलिक युवक नहीं मिले  ?
तो पहले जातिका का विवाह पेड़ से किया जाना चाहिए
नौ मंगलवार लाल रंग के कपड़े में सौंफ बांध के तकिये के नीचे 
ऱख कर सोने से जुबान में मधुरता आयेगी। 
स्वभाव की उग्रता जायेगी  
ऐसा करने से दोषो में कमी आती है।
कन्या धीर-धरे सुनती रही
कलाई में बंधी घड़ी की बड़ी-छोटी सुई ठीक 11 पर थी
वह यो यो कहती कानों में ईयर फोन लगा गाने सुनती 
बाइक पर सवार हो किक मार निकल पड़ी 
उसके रेशमी बाल हवा में लहरा रहे थे
किसी आजाद झंडे की मानिंद।

ज़िंदगी के सफ़े

धुआं भर जाये शिराओं में तो मुश्किल होता है,
उन्हें निवालों के साथ ज़ज्ब़ करना
 
सिमटना खुद को संकुचित करना नहीं होता
दूसरों के लिए जगह छोड़ना भी होता है।
 
सिरहाने रखी हर किताब में वो बात नहीं होती
कि उसे अंत तक पढा जाये
कई बार सफे पलट लेने भर से कहानी का अंत समझ में आ जाता है।

प्रेम में हूँ।

उसने पूछा कहाँ हो आजकल
क्या कर रही हो
मैंने कहा –“प्रेम में हूँ। “
उसने हँस कर कहा- क्या ? तुम और प्रेम!
क्यों? मैं प्रेम नहीं कर सकती! 
तुमने ही तो कहा था –प्रेम-व्रेम तुम्हारे वश की बात नहीं
चलो अच्छा है- तुम्हें किसी से प्रेम तो हुआ
मैंने धीरे से कहा-  दोस्त !
पीड़ा में सुख की तलाश मृत्यु से भी प्रेम करना सीखा देती है।

गुणा-भाग

प्रेम का पर्यायवाची है
प्रतीक्षा 
प्रतीक्षा का पर्यायवाची
धैर्य
धैर्य का पर्यायवाची
स्त्री
स्त्री का पर्यायवाची
धरती
धरती की गोद में दबे पड़े थे दावानल के बीज
वे अब एक-एक कर अंकुर रहे हैं।

………………………….

किताबें

………………………….

error: Content is protected !!