विभावरी
सन 1981 में पश्चिम बंगाल के काचरा पाड़ा में जन्म. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की निवासी. प्रारम्भिक शिक्षा गोरखपुर से. इलाहाबाद वि.वि. से 2002 में विज्ञान स्नातक तथा 2004 में हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि. इलाहाबाद वि.वि. के 2003-04 के छात्र संघ चुनावों में बतौर ‘महिला छात्रावास प्रतिनिधि’ निर्वाचित.
2006 में जवाहरलाल नेहरु वि.वि. से ‘स्त्री विमर्श के विविध आयाम: ‘डार से बिछुड़ी’ और ‘सुन्नर पांडे की पतोह’ के विशेष सन्दर्भ में’ विषय पर एम.फिल. और 2010 में ‘हिंदी साहित्य और सिनेमा के मध्य स्त्री दृष्टि का अंतर’ विषय पर पीएच. डी. उपाधियाँ प्राप्त. इसी दौरान छात्र राजनीति से सक्रिय जुड़ाव के तहत जे.एन.यू. के ‘लिटरेरी क्लब’ की संयोजक और ‘स्कूल ऑफ़ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज़’ की काउंसिलर निर्वाचित.
बुलंदशहर के एक राजकीय महाविद्यालय में तीन वर्ष तक अध्यापन कार्य के बाद 2011 से गौतम बुद्ध वि.वि. ग्रेटर नोयडा में अध्यापनरत.
FTII से 2016 में 41वें फ़िल्म अप्रिशिएशन कोर्स में सहभागिता.
‘नया ज्ञानोदय’, ‘कथन’, ‘बयान’, ‘आजकल’ और ‘रचना समय’ जैसी विभिन्न पत्रिकाओं, ‘मोहल्ला लाइव’, ‘चवन्नी चैप’, ‘जानकीपुल’, ‘असुविधा’, और ‘काफ़ल ट्री’ जैसे अनेक ब्लॉग्स और ‘BBC हिंदी’ व ‘जनसत्ता’ जैसे वेब पोर्टल में स्त्री और सिनेमा व साहित्य से संबंधित शोध-आलेख प्रकाशित.
विभिन्न साहित्यिक-सांस्कृतिक मंचों पर साहित्य, सिनेमा और स्त्री विषयों पर सक्रिय सहभागिता
‘सिनेमा और भूमंडलीकरण’, ‘बेदाद-ए-इश्क़, रुदाद-ए-शादी’ और ‘उपन्यास का वर्तमान’ ‘आज के सवाल श्रृंखला: कृषि संकट’ जैसी संपादित पुस्तकों के लिए लेखन.
हाल ही में पिक्चर पोएट्री की आॅनलाइन किताब ‘…और मैंने चुना काफ़िर हो जाना’ प्रकाशित
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कविताएं
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किताबें
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