शोभा अक्षर
खोखले आदर्शों की दोहरी मानसिकता पर प्रहार करती,वर्जनाओं को तोड़ती रचनाकार शोभा अक्षर का जन्म अयोध्या में, 15 अक्टूबर 1993 में हुआ था। पिता श्री कृष्ण कुमार गुप्ता एक व्यवसायी हैं और माता श्रीमती सोनपती गुप्ता, स्वास्थ विभाग, राज्य सरकार में कार्यरत हैं। गुरुनानक अकादमी गर्ल्स इंटर कॉलेज, अयोध्या से शिक्षा ग्रहण करने के बाद, डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से बी.सी.ए.(कंप्यूटर एप्लीकेशन), बी.ए. ( हिन्दी एवं राजनीति) और जनसंचार एवं पत्रकारिता में एम.ए. किया।
वर्तमान में ‘पाखी पब्लिशिंग हाउस’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। साथ ही प्रतिष्ठित हिन्दी साहित्यिक पत्रिका की डिजिटल एडिटर भी हैं।
इससे पूर्व ‘वाणी प्रकाशन ग्रुप’ की एसोसिएट एडिटर के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
दि संडे पोस्ट, ईटीवी भारत, एक्सप्रेस टीवी, आदि में विशिष्ठ पदों पर आसीन रहते हुए पत्रकारिता का अनुभव। इनकी कविता ‘नाक’ जो कि चाइल्ड एब्यूज पर आधारित है, अब तक भारत की आठ भाषाओं और बोलियों में अनुवादित हो चुकी है।
आपको प्रख्यात अयोध्या रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
…………………………
कविताएं
'नमक का ढेर'
'फुसलाने वाले'
'शरीफ आदमी'
'नाक'
'अंदाम'
'स्त्री और नीतिग्रन्थ'
…………………………