“ओल्गा निप्पर”
विश्व प्रसिद्ध कहानीकार नाटककार अंतोन चेखव को कौन नहीं जानता। उनकी अनेक कहानियों के हिंदी अनुवाद हो चुके हैं। वार्ड नंबर 6 दुनिया की चर्चित कहानियों में से हैं। उनके नाटक चेरी का बगीचा और तीन बहनें के अनेक शो हो चुके हैं। चेखव की कहानी कला के मुरीद नामवर सिंह और राजेंद्र यादव भी थे लेकिन चेखव की पत्नी के बारे में आप नहीं जानते होंगे। कुछ ने उनका नाम भी नहीं सुना होगा। उनकी पत्नी रूस की जानी मानी रंगकर्मी थी। दुखद यह है कि वह तीन चार साल ही पति के साथ रह सकी क्योंकि चेखव का निधन 1904 में ही हो गया था। उनकी पत्नी ने लम्बा एकाकी जीवन जिया।
इलाहाबाद की शोध छात्रा नेहा अपराजिता ने चेखव की पत्नी पर लिखा है। वह चेखव पर शोध कर रही हैं। वह कविताएं भी लिखती हैं तो आज पढ़िए ओल्गा के बारे में।
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संघर्ष मानव जीवन का एक अनिवार्य अंग है, जैसे हम श्वांस लेते है, भोजन करते हैं उसी प्रकार हमारे जीवन का हर दिन चुनौतियों और संघर्षो से घिरा रहता है| आज हम यहाँ ऐसी ही महिला कलाकार की चर्चा कर रहे हैं जो बहु कला के क्षेत्र में बेहद प्रतिभावान रहीं, जिन्हें कई तरह की कलाओं में दक्षता प्राप्त थी किन्तु उनका जीवन भी बहुत चुनौतीपूर्ण रहा| ओल्गा निप्पर, जो कि मास्को आर्ट थिएटर की वास्तविक सदस्य थी जब इसकी स्थापना कोंस्तानतिन स्तानिस्लाव्स्की द्वारा १८९८ में की गयी| ओल्गा निप्पर सुप्रसिद्ध नाटककार एवं कहानीकार एन्टन चेखव की पत्नी थी तथा उनके लिखे नाटकों की नायिकाओं की भूमिका ओल्गा ने थिएटर बखूबी निभाई|
ओल्गा का जन्म २१ सितम्बर १८६८ को ग्लुजोव, रूस में हुआ। इनके माता पिता मूलतः जर्मनी के थे किन्तु उनके पिता लियोनार्ड अगस्त निप्पर, रूस को ही अपनी खानदानी विरासत के रूप में स्वीकार करना चाहते थे| ओल्गा की माँ, एना इवानोवना वॉन सल्त्ज़ा एक प्रतिभावान गायिका और पियानिस्ट थी| ओल्गा के जन्म के दो वर्ष बाद वे मॉस्को में रहने लगे जहां उनकी जीवन शैली श्रेष्ठ मध्यम वर्गीय थी तथा ओल्गा की परवरिश अपने दो भाइयों के बीच बड़े लाड प्यार से की गयी|
उन्होंने लड़कियों के एक निजी स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की साथ ही ओल्गा ने जर्मन, फ्रेंच तथा अंग्रेजी की शिक्षा भी प्राप्त की। वे इन भाषाओँ में पारंगत थीं| संगीत और नृत्य की दक्षता उन्होंने स्कूली शिक्षा के उपरांत प्राप्त की। ओल्गा एक कुशल पेंटर और पियानो वादक भी थीं। वे अक्सर अपने घर की डिनर पार्टीज़ में परिवार और दोस्तों के बीच पियानो वादन करती थी| उनके पिता जो रूस को ही अपना देश मानते थे, उनकी इच्छा थी कि ओल्गा एक शादीशुदा कुशल गृहणी सा जीवन व्यतीत करें और उनकी माँ जो स्वयं एक संगीत प्रेमी थी उनकी भी यही राय थी| १८९४ में ओल्गा के पिता का अचानक ही देहांत हो गया, उनके पिता पर कई ऋण थे| उनके मृत्यु पश्चात् ओल्गा और उनकी माँ ने संगीत और नृत्य की शिक्षा देनी शुरू की और अपने पांच नौकरों में से चार को हटा दिया। साथ ही एक छोटे घर में रहने लगी| क़र्ज़ होने के कारण उनको जीवन-यापन में कई मुश्किलें झेलनी पड़ीं| ओल्गा, जो एक थिएटर आर्टिस्ट बनना चाहती थी, वे अब उस ओर अग्रसर हुईं|
इसी क्रम में उन्होंने मैले थिएटर में प्रवेश लिया परतुं माह भर बाद ही उसे छोड़ दिया| अपनी माँ की सहायता से उन्होंने फिल्हार्मोनिक स्कूल में प्रवेश लिया जहाँ उन्होंने व्लादिमीर नेमिरोविच, जो कि मॉस्को आर्ट थिएटर के सह संचालक थे, से नाट्य शिक्षा ग्रहण की | नेमिरोविच ने ही उनका परिचय कोन्स्तान्तिन स्तान्स्लाव्सकी से कराया| नेमिरोविच ने निप्पर को साफ़ तौर पर बताया थे कि वे और स्तानिस्लाव्स्की एक थिएटर कंपनी शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं और उनका स्वप्न है कि वो कंपनी रूस की पहली नैतिक और सार्वभौमिक थिएटर कंपनी हो |
द सीगल की रिहर्सल के दौरान सितंबर माह में ओल्गा की मुलाक़ात एन्टन चेखव से हुई, उस वक़्त ओल्गा तीस वर्ष की थी और चेखव की आयु उस वक़्त ३८ वर्ष की थी| निप्पर और चेखव की बातचीत उसके बाद से खतों के माध्यम से होने लगी। इसी दौरान वे चेखव की बहन माशा से भी परिचित हुईं| चेखव के नाटक थ्री सिस्टर्स की नायिका माशा और निप्पर के स्वभाव में भी काफ़ी समानताएं दिखती हैं| उनके सभी नाटकों की नायिकाओं की भूमिका निप्पर ने थिएटर में बखूबी निभाई। फिर वो चाहे अंकल वन्या की एलेना एंदियेवना की हो या द चेरी ऑर्चर्ड की मैडम रेनेव्स्काया की हो| ओल्गा निप्पर और चेखव ने २५ मई १९०१ में शादी कर ली और उनकी शादी १९०४ तक रही, १९०४ में चेखव की मृत्यु तपेदिक से हो गयी|
उसके बाद का जीवन ओल्गा ने अकेले ही गुजारा और वह जीवनपर्यंत मॉस्को आर्ट थिएटर के लिए काम करती रहीं और नब्बे वर्ष की आयु में २२ मार्च १९५९ को अपनी कर्मभूमि मॉस्को में ही उन्होंने अंतिम सांस ली|
– नेहा अपराजिता