– नेहा अपराजिता
आपने पिछले दिनों चेखव की रंगकर्मी पत्नी ओल्गा पर नेहा अपराजिता का आलेख पढ़ा था। आज वे बता रही हैं विश्व प्रसिद्ध लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे की पत्नियों के बारे में।
आपने “ओल्ड मैंन एंड द सी” या “ए फेयरवेल टू आर्म्स ” पुस्तक पढ़ी होगी तो हेमिंग्वे को जरूर जानते होंगे। उन्हें साहित्य के लिए 1954 में नोबेल प्राइज भी मिला था। उनकी कृतियों पर अनेक बार फिल्में भी बनी थीं और वे काफी धनी व्यक्ति थे पर थोड़ा सनकी अराजक और मानसिक रूप से अवसाद में भी रहे। 61 वर्ष की उम्र में उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। नेहा बता रहीं हैं उनकी पत्नियों पर क्या गुजरी।
:क्या आप हेमिंग्वे की चार पत्नियों के बारे में जानते हैं?”
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अर्नेस्ट हेमिंग्वे अमेरिकन साहित्य के सुप्रसिद्ध लेखक थे। किन्तु आज हम यहां उनके विषय में बात ना करके उनकी पत्नियों के विषय में बात करेंगें जिनकी कहानी दिलचस्प तनावपूर्ण और पीड़ा दायक भी है।
हेमिंग्वे ने अपने जीवन में चार विवाह किये थे, लेकिन उनके निधन पर नहीं बल्कि जीते जी।उनकी पत्नियों के नाम क्रमशः एलिजाबेथ हेडली रिचर्डसन, पॉलिन मैरी फ़ीफर, मार्था एलिस गेलहॉर्न तथा मेरी वेल्श था। किसी भी स्त्री के लिये यह कितना असहनीय होता है कि उसके पति ने उसके साथ छल किया हो किन्तु अर्नेस्ट ने ऐसा किसी एक स्त्री के साथ नही किया बल्कि चार-चार स्रियों के साथ किया या ये भी कहा जा सकता है कि वह जीवनपर्यंत साथी की तलाश करते रहे। अपने जीवन के अंतिम दिनों में वह मानसिक विकारों से ग्रसित थे और यह बहुत ही जटिल विकार थे जिससे वह उभर नही पाये और उन्होंने 1961 में आत्महत्या कर ली। हेमिंग्वे अमेरिकन साहित्य के सबसे बड़े और अमीर लेखकों में से एक थे परन्तु ना जाने ऐसा क्या कारण था कि वे अपने जीवन मे स्त्रियों से संतुष्ट नही रहे, वे लगातार विवाह करते और तलाक़ लेते रहे। ये कितना गंभीर विषय है कि चार स्त्रियों ने एक पुरुष के लिये अपना जीवन खराब किया और ये कितना असंवेदनशील भी है कि उनके इस रवैये को देख भी उनसे स्त्रियां जुड़ती गयीं।
हेमिंग्वे की पहली पत्नी हेडली रिचर्डसन एक गीतकार थीं तथा वह एक समृद्ध घर से थीं। उनके जीवन का बीसवाँ दशक अपनी बीमार मां का ख़्याल रखने में बीता और उनके पिता ने १९०३ में आत्महत्या कर ली थी। इसका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा जिससे वह भावनात्मक रूप से बहुत प्रभावित हुईं। हेमिंग्वे उनसे आठ वर्ष बड़े थे और उनमें उस नर्स की छवि देखते थे जिसने प्रथम विश्व युद्ध में उनके घायल होने पर उनका ख़्याल रखा था। १९२० में वे दोनों एक पार्टी में मिले थे ।उस मुलाकात के साल भर के भीतर ही इस युगल जोड़े ने शादी कर ली और पेरिस चले गए जहां वह दो वर्षों तक रहे। पेरिस के बाद रिचर्डसन और हेमिंग्वे टोरंटो गये जहां हेमिंग्वे ने टोरंटो स्टार के लिये काम किया। इसी दौरान रिचर्डसन ने अपने बेटे जैक को जन्म दिया पर अब हेमिंग्वे पत्रकारिता से ऊब से रहे थे तो वे पेरिस वापस आये और अपने लेखन पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
पेरिस लौटे अभी एक वर्ष से भी कम समय हुआ था ,इसी दौरान हेमिंग्वे का परिचय एक अन्य पत्रकार से हुआ जिनका नाम पॉलिन मैरी फ़ीफर था। आने वाले समय में फ़ीफर उनकी दूसरी पत्नी भी बनी। रिचर्डसन और फ़ीफर भी एक दूसरे से परिचित थीं। अतः जल्दी ही वे अच्छी मित्र बन गयीं। रिचर्डसन, फ़ीफर को अपने और हेमिंग्वे के साथ छुट्टियों पर ले कर गयीं थीं जहाँ से हेमिंग्वे का रुझान फ़ीफर की तरफ़ हो गया। जब रिचर्डसन को इस बात का संज्ञान हुआ तो उन्हें बहुत आघात पहुँचा कि उनकी ही मित्र और पति के मध्य प्रेम सम्बंध है और अन्ततः काफी वाद- विवाद के बाद उन्होंने जनवरी १९२७ में हेमिंग्वे से तलाक़ लिया। इस विवाद की आयु ६ वर्ष की रही। उसी वर्ष बसन्त के बाद हेमिंग्वे और फ़ीफर ने विवाह कर लिया।
फ़ीफर का जन्म 1८९५ में हुआ था तथा वह पेरिस में वोग के लिये लिखतीं थीं। वह भी एक समृद्ध घर की बेटी थीं और अच्छी बात यह थी कि वह अपने पेशे को लेकर काफी जागरूक थीं तथा वह जिज्ञासु और पैनी संपादकीय दृष्टि रखती थीं। उन्होंने हेमिंग्वे के उपन्यास, सूरज भी उगता है , पर अच्छे से पुनर्निवेशन दिये। हालांकि कि हेमिंग्वे की पत्नियों में इन्हें सर्वाधिक बुराभला कहा गया जैसे कि फ़ीफर ने हेमिंग्वे से उनकी दयालु पत्नी रिचर्डसन को छीन लिया, यहाँ तक कि हेमिंग्वे ने भी आगे चल कर अपनी रचना, एक जंगम दावत में फ़ीफर पर आरोप लगाये कि उन्होंने हेमिंग्वे को मोह जाल में फंसा रिचर्डसन के साथ उनके रिश्ते की हत्या कर दी। इन सबके बावजूद भी फ़ीफर १३ वर्षों तक उनकी पत्नी रहीं और यह उनकी दूसरी सबसे लंबी शादी थी। फ़ीफर ने अपनी व्यक्तिगत सम्पत्ति से फ्लोरिडा में घर भी खरीदा था जिसमें वह हेमिंग्वे के साथ रहती थीं। १९२० के दशक की शुरुआत में उन्होंने दो बेटों को जन्म दिया जिनका नाम पैट्रिक और ग्रेगरी था।
इसके उपरांत ही हेमिंग्वे विश्व के सबसे अमीर लेखकों में शामिल किये जाने लगे अतः अब वह अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों को उठाने में पूर्ण रूप से सक्षम थे परन्तु अब उनकी दिलचस्पी फिर से एक अन्य बहुत महत्वाकांक्षी पत्रकार में बढ़ गयी जिसका नाम मार्था गेलहॉर्न था जो १९३० के दशक के अंतिम वर्षों में उनसे मिली थीं। आपका किया हुआ छल अपनी पुनरावृत्ति आपके विरुद्ध ही कैसे करता है ये अब देखा जा सकता था। जिस प्रकार फ़ीफर, रिचर्डसन की मित्र के रूप में हेमिंग्वे से मिली थीं और फिर उनसे ही विवाह कर बैठी वैसे ही मार्था भी फ़ीफर की मित्र बन कर हेमिंग्वे के जीवन में प्रवेश करती हैं । हेमिंग्वे की पत्नियों में मार्था सबसे अधिक भविष्य उन्मुख स्त्री थी। मार्था का जन्म १९०८ को मिसूरी में हुआ था तथा वह एक ऐसी उपन्यासकार तथा युद्ध क्षेत्र की खबरों पर दृष्टि रखने वाली संवाददाता थीं जिसने छः दशकों तक हर बड़ी अंतर्राष्ट्रीय द्वन्दों पर अपनी पूर्ण दृष्टि बनाये रखी।
मार्था, हेमिंग्वे से की वेस्ट में १९३६ में मिलीं थीं ।स्वभाव से बुद्धिमान, रईस, और चतुर मार्था आसानी से हेमिंग्वे के साथ जुड़ गयीं। वह उनके साथ राजनीति, युद्ध तथा अपनी विदेशी यात्राओं के संदर्भ में वार्तालाप करती रहती थीं। फ़ीफर की मार्था से अच्छी मित्रता होने के बाद उसने मार्था को अपने घर के बागीचे में लगभग दो सप्ताह लगातार धूप सेकने के लिये बुलाया था और उसके बाद मार्था की वेस्ट छोड़ किसी काम से न्यूयॉर्क चली जाती हैं किंतु इन दो सप्ताहों में हेमिंग्वे मार्था की तरफ इतने आकर्षित हो जाते हैं कि वह भी उनके पीछे पीछे न्यूयॉर्क पहुँच जाते हैं जहां वह मार्था को प्रतिदिन अपने होटल में यह कह कर बुलाते रहते हैं कि वह भीषण अकेलेपन के दौर से गुजर रहे हैं हालांकि ये बात भी आगे चल कर सही साबित होती है कि हेमिंग्वे सच में निजी तौर पर मानसिक रूप से परेशान थे और मानसिक विकारों से ग्रसित थे। उसके बाद ही मार्था और हेमिंग्वे स्पेन के गृह युद्ध में साथ में पत्रकारिता करते हैं और उस दौरान एक दूसरे से प्रेम करने लगते हैं।
स्पेन का गृह युध्द फ़ीफर और हेमिंग्वे की शादी के अंत का प्रारंभ था हालांकि उन्होंने १९४०तक अपने अलगाव की बातों को सार्वजनिक नही किया था। फ़ीफर से अलग होने के सोलह दिनों बाद ही हेमिंग्वे, मार्था से विवाह कर लेते हैं पर यह रिश्ता साल भर ही चल पाता है और इसका मुख्य कारण यह था कि मार्था भविष्य उन्मुख थीं तथा वह दुनिया भर में भ्रमण कर के समाचार एकत्रित करती थीं और उनकी अनुपस्थिति से हेमिंग्वे असन्तुष्ट रहते थे।
अन्ततः मार्था भी खुद को उसी पंक्ति में खड़ा पति हैं जिसमें रिचर्डसन और फ़ीफर पहले से खड़ी थीं, एक तलाकशुदा पत्नी का नोट उन पर भी लग जाता है। इस पंक्ति में अगली महिला होती हैं मैरी वेल्श जो कि एक पत्रकार थीं। १९४५ में मार्था से तलाक़ के बाद हेमिंग्वे मैरी से विवाह करते हैं। मैरी का जन्म १९०८ में हुआ था तथा वह १९५४४ में हेमिंग्वे से लंदन में मिली थीं। मार्था, हेमिंग्वे से अधिक महत्वाकांक्षी थीं किंतु मैरी उनसे किसी प्रकार की प्रसिद्धि हासिल करने का प्रयास कभी नही करतीं। जब वे दोनों मिले थे तो दोनों ही किसी अन्य के साथ वैवाहिक रिश्ते में थे। यह हेमिंग्वे का चौथा विवाह था और मैरी का तीसरा। १९४६ में दोनों क्यूबा में विवाह करते हैं और १२ वर्षों तक वहीं रहते हैं किंतु फिर से हेमिंग्वे एक युवा इटालियन लड़की से प्रेम कर बैठते हैं और इस बात से मैरी और हेमिंग्वे के रिश्ते में पूरी तरह से दरार आ जाती है किंतु उनका विवाह नही टूटने पाता। इसके बाद ही १९५९ में मैरी और हेमिंग्वे केचम, इडाहो में रहना प्रारम्भ करते हैं और यहीं हेमिंग्वे को गंभीर मनोवैज्ञानिक रोगों की शिकायत होने लगती है और अन्ततः वे अपनी सिर में गोली मार कर आत्महत्या कर लेते हैं। मैरी के साथ उनका विवाह सर्वाधिक १५ वर्षों तक चला तथा उनके मरणोपरांत मैरी उनके दो रचनाओं का साहित्यिक निष्पादन भी करती हैं ये रचनायें थीं- एक जंगम दावत तथा ईडन का बगीचा।
हेमिंग्वे ने अपने जीवन में स्थिरता नही देखी किन्तु उनके साथ ही अन्य चार स्त्रियों का जीवन भी अस्थिर रहा और भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से किसे कितना आघात पहुँचा, किसने कितना धैर्य रखा ये भी सोचनीय विषय है।