रीता दास राम
20 मई से 23 मई तक मशहूर एवं चर्चित लेखिका ‘मन्नू भंडारी’ के नाटक ‘महाभोज’ की मंचीय प्रस्तुती की जा रही है। मन्नूजी ने 1979 में ‘महाभोज’ की रचना उपन्यास रूप में की थी जिसे बाद में 1983 में नाटक रूप में भी लिखा। यह नाटक आज भी प्रासंगिक है जो सामाजिक एवं राजनीतिक घटनाओं को जोडता समाज में घटित की सही तस्वीर पेश करता है। इस नाटक का बहुत बढ़िया मंचन कल मुंबई यूनिवर्सिटी में देखने का अवसर मिला। इसे मुम्बई यूनिवर्सिटी के ‘अकादमी ऑफ थियेटर आर्ट्स’ के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया जो कि बेहतरीन और बढ़िया प्रस्तुती रही। इसकी सफलता का बयान दर्शकों से भरा हॉल कर रहा था। पात्रों की एक बड़ी संख्या के संयोजन और सभी के उत्कृष्ट अभिनय ने समा बाँध दिया। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से सभी को प्रोत्साहित किया। हर पात्र अपने में बेजोड रहा। उनकी मेहनत और लगन दिखाई पड रही थी जिसने अंत तक दर्शकों को बांधे रखा। ढाई घंटे चले इस नाट्य मंचन के लिए निर्देशक डॉ. मिलिंद इनामदार और सभी कलाकार बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अपने उत्कृष्ट अभिनय के साथ-साथ दृश्य संरचना, ध्वनि व वेषभूषा संयोजन में अन्य जिम्मेदारी एवं सहभागिता निभाई।
यह वाकई एक टीम वर्क की उपलब्धि है। सभी ‘द अकादमी ऑफ थियेटर आर्ट्स’ से जुडे हैं जिसकी स्थापना 2003 में हुई है। जिसमें मंचीय अभिनय की थेयरी और प्रेक्टिकल की मास्टर डिग्री कोर्स किया जाता है। एक साल का फूल टाईम डिप्लोमा कोर्स भी किया जाता है। यहां से उत्तीर्ण विद्यार्थी थियेटर, फिल्म और सीरियल की शोभा बढाते रहे हैं।
23 मई तक ये मंचन निरंतर रहेगा इच्छुक मित्र देख कर निसंदेह लाभान्वित होंगे।