केदार सम्मान 2022
एवम
डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान 2022
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केदारनाथ अग्रवाल की रचनाभूमि बांदा में केदार स्मृति न्यास द्वारा आयोजित समारोह में केदार सम्मान-2022 से प्रख्यात कवि सविता सिंह को एवम डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान – 2022 से प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह को सम्मानित किया गया । उक्त दोनों पुरस्कार भारतीय ज्ञान परंपरा के विद्वान और संस्कृत के आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी द्वारा प्रदान किए गए ।
कविता के समकालीन परिदृश्य में एक ओर जहां
सविता सिंह ने स्त्रीवादी लेखन को एक नई और प्रतिरोधी जमीन दी है वहीं दूसरी ओर आलोचना के समकालीन परिदृश्य में विजय बहादुर सिंह ने साहित्य के मूल्यांकन को एक नया और सार्थक दृष्टिबोध सौंपा है ।
कविता के क्षेत्र में सविता सिंह ने स्त्री दृष्टि और सृष्टि का साहसपूर्ण विस्तार किया है । उनके रचनाकर्म पर दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफेसर और आलोचना पत्रिका के संपादक आशुतोष कुमार ने कहा की सविता सिंह का लेखन पितृसत्तामक व्यवस्था और उसके मानदंडों के लिए एक चुनौती है । युवा आलोचक और कथाकार डा. सुनीता ने कविताई के हवाले से संकेत किया कि सविता सिंह ने स्त्री कविता को एक नए मोड़ बिंदु पर लाकर खड़ा किया है ।
वरिष्ठ आलोचक विजय बहादुर सिंह ने रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान ग्रहण करने के बाद अपने वक्तव्य में कहा कि आलोचक की जिम्मेदारी रचनाकार से अधिक बड़ी होती है । उसमे अपने समय और संस्कृति का गहरा बोध होना जरूरी है । प्रोफेसर राधावल्लभ त्रिपाठी ने आलोचक विजय बहादुर सिंह की आलोचना को हिंदी की समृद्ध आलोचना परंपरा से जोड़ते हुए उनके आलोचनात्मक अवदान और लेखन पर विस्तार से बात रखी ।
कार्यक्रम का आरंभ केदारनाथ अग्रवाल के छायाचित्र पर पुष्प अर्पण के बाद हुआ । कथक नृत्यांगना श्रद्धा निगम के निर्देशन में केदार जी की दो कविताओं पर छात्राओं की नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया । ‘माझी न बजाओ वंशी’ गीत को पवन (गायक) ने जिस शिद्दत से गाया उसी शिद्दत से छात्राओं ने संगत की । केदार स्मृति न्यास के अध्यक्ष शिवफल सिंह ने स्वागत वक्तव्य दिया और इसके बाद सविता सिंह को केदार सम्मान के रूप में प्रशस्ति पत्र,शाल,केदार जी का छायाचित्र और ग्यारह हजार रुपए प्रदान किए गए । प्रशस्ति वाचन डॉ.निधि अग्रवाल ने किया ।
इस अवसर पर ‘केदार होने के आशय’ विषय लिटिल बर्ड पब्लिकेशन,दिल्ली की निदेशक और संपादक कुसुमलता सिंह ने केदार के गद्य में कविता के प्रभाव को रेखांकित किया । वरिष्ठ कवि और आजकल पत्रिका के पूर्व संपादक राकेश रेणु ने केदार की कविताओं में प्रकृति और जीवन के साहचर्य को शब्दबद करने की क्षमता की ओर ध्यान खींचा।इस अवसर पर सविता सिंह द्वारा संपादित पुस्तक
‘प्रतिरोध का स्त्री स्वर’ का विमोचन हुआ । इस पुस्तक में 21 स्त्री कवियों की प्रतिरोधी चेतना से लैस कविताओं का चयन सविता सिंह द्वारा किया गया है ।
आयोजन तीन सत्रों में विभाजित था जिसमें प्रथम सत्र (केदार सम्मान)का संचालन शशिभूषण मिश्र ने किया । द्वितीय सत्र का संचालन (रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान) अंकिता तिवारी ने और तृतीय सत्र ( कविता पाठ ) का संचालन सबीहा रहमानी ने किया । केदार न्यास के सचिव और हिंदी के वरिष्ठ कवि नरेंद्र पुंडरीक ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि हम बांदा वासी केदार नाथ अग्रवाल के ऋण से मुक्त नहीं हो सकते ।
इस अवसर पर केदार न्यास की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कवि डॉ. शबाना रफीक ने अपनी कविताओं का पाठ करते हुए सभा का धन्यवाद ज्ञापित किया । इसके बाद कविता पाठ का सत्र प्रारंभ हुआ जिसमें डॉ.निधि अग्रवाल(झांसी), विवेक चतुर्वेदी(जबलपुर), वाज़दा खान (दिल्ली ) डॉ. सुनीता(दिल्ली) राकेश रेणु (दिल्ली), पुरस्कृत कवि सविता सिंह(दिल्ली),राधा वल्लभ त्रिपाठी(भोपाल), विजय बहादुर सिंह(भोपाल) ने अपनी कविताएं पढ़ीं । स्थानीय कवियों में – आनंद किशोर लाल(बांदा) डॉ.रामचंद्र सरस(बबेरू) छाया सिंह(बांदा) डॉ.सबीहा रहमानी(बांदा) सुनील चित्रकूटी(कर्वी) रामावतार साहू(अतर्रा) आदि ने कविता पाठ किया । केदार न्यास की आजीवन न्यासी उमा पटेल,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामगोपाल गुप्त,राकेश अग्रवाल,प्रोफेसर जितेंद्र कुमार,जय प्रकाश सिंह,मोहम्मद अफ़ज़ल,देवेश रंजन पांडेय,प्रियांशी रैकवार,मेधा मिश्रा,अंकिता गुप्ता,मान्या सहित कई साहित्य अनुरागी श्रोता और लेखक कार्यक्रम में मौजूद रहे ।