एक युद्ध और
–काजल सूरी
अभी हाल ही में रुबरू द्वारा अयोजित चौथे विजय सूरी नेशनल थियेटर फेस्टिवल में इस नाट्य पुस्तक का विमोचन एल टी जी के ब्लैंक कैनवास सभागार में किया गया!
-एक युद्ध और- यह नया नाटक नशे की समस्या पर आधारित है !
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ इस नाटक के ज़रिए लोगों में ख़ासकर बच्चों और युवाओं में ज़िम्मेदारी की भावना पैदा करना है और नशे के खिलाफ़ जागरुकता पैदा करना है ! नशीली दवाओं की तस्करी अक्सर अपराध के अन्य रूपों से जुड़ी होती है और किस तरह इस नाटक की नायिका जो एक पत्रकार है, उन चेहरों से नक़ाब हटाती है ,जो इन नशीली दवाओं की तस्करी में शामिल हैं !
बरसों पहले जब जम्मू कश्मीर में इस नाटक का मंचन हुआ था तो इसमें मैने ही उस महिला पत्रकार, (जो इस नाटक की नायिका भी है,) का किरदार किया था ,जो अपने पिता के खिलाफ युद्ध छेड़ देती है जो नशे के कारोबार को फैलाते जा रहे हैं ! इस नाटक में मेरे पिता जी श्री विजय सूरी जी ने ही मंच पर भी मेरे पिता का किरदार निभाया था !
मेरा यह नाटक मेरे पिता जी को समर्पित है !
वक्त के साथ बदलाव भी होता है लेकिन नशे की तस्करी के खिलाफ़ क़ानून बनने के बाद भी दुनिया इस समय जिन संकटों से जूझ रही है, इन्हीं में से एक है नशे का काला कारोबार !
इस ज्वलंत समस्या पर काफी साल पहले मेरे द्वारा लिखा गया यह नाटक अब कुछ बदलाव के बाद प्रकाशित होकर ,पाठकों और नाट्य कर्मियों के सामने आया है ! उम्मीद करती हूं कि पसंद आएगा!
नाटक amazon पर उपलब्ध है !
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इस नाटक से पहले काजल सूरी तीन रंग नाटक और दो कविता संग्रह
प्रकाशित हो चुके हैं