डा. नाज सिंह
जन्मः 6 जनवरी 1974 सिरहा, नेपाल
शिक्षा: एम बी बी एस (रसियाली जनमैत्री विश्व विद्यालय मास्को, थर्ड मेडिकल इंस्टीट्यूट मास्को रसिया)
प्रकाशित पुस्तक: ‘तिर्खा’ कविता सङ्ग्रह 2019 (नेपाली, हिन्दी और मैथिली)
नेपालके हाईस्कूलों के बारहवीं कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में उनकी मैथिली कविता ‘सिया’ को समावेश किया गया है।
उनकी कविताएं प्रतिष्ठित हिन्दी, नेपाली, मैथिली और मगही पुस्तकों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
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कविताएं
किरदार में स्त्रियां
कविता लिखना आसान नहीं
कशमकश
देह के दहलीज पर
'आहट'
शब्दों के समंदर में जब मैं तैर रहा था
तुम मिली तो थी वहीं
कभी तट पर तो कभी
लहरों के आगोश में लिपटी हुई
कभी शब्दों के महलों में
सोती रही
तो कभी पायलों के
झन्कार मे गुंजति रही….
आहटों के हर क़दम पर
तुम्हें देखा है मैने
तेरे आने से ही तो
मैने ये फैसला लिया था
और अपना रास्ता भी तय किया था
तुम्हारे साथ …
कदम से कदम मिलाकर चलने की
फिर ना जाने क्यों
वहां से तुम आगे चली गई और
मैं वापस आ गया था
वहीं जहां हर रात तुम मुझे सपनों में
मिला करती थी,
सोती हुई आंखों में जागते हुए तस्वीर
लगाया करती थी
जो तुम्हें बेहद पसंद था
तुम्हारी खनकती हुई चुरीयो के संगीत से
मेरे रातें भी सोते हुए नींदों में
मुस्कुराया करती है,
तुम कितनी आसानी से
चली गई न मुझे छोड़कर
एक बार भी नहीं सोचा
मैं कैसे जिऊंगा तुम्हारे बगैर
जब ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं लगती
तब सांसे भी नि:शेष हो जाती है
पर तुम्हारी आहट ने
कभी बेवफाई नहीं की मुझसे
हर वक्त मेरे साथ रहती है
मेरे आस-पास रहती है।।।।।
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किताबें
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