Friday, November 29, 2024
नाम :-  डा.वन्दना गुप्ता (शिक्षिका)
जन्म:-16 जुलाई 1966,राठ, (उ.प्र)
एम.ए.(हिन्दी) बी.एड,पीएच.डी
 
लेखन-‘अस्मिता की तलाश ‘ काव्य संग्रह 2017
‘मयूर पंख ख़्वाहिशों के ‘ काव्य संग्रह 2019
‘फिर लौटेंगी स्त्रियां ‘ काव्य संग्रह 2020
‘विरह के वितान में ‘ काव्य संग्रह 2020
 
कई साझा संकलनों में शामिल।
 
हिन्दी की विभिन्न राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं में कविताएं, समीक्षाएं, कहानियां प्रकाशित
 
आकाशवाणी कर्सियांग से वार्ता कविताओं, वार्ताओं, कहानियों, परिचर्चाओं का टेलीकास्ट व विभिन्न चैनलों पर कविताओं, साक्षात्कारों, परिचर्चाओं का टेलीकास्ट
 
विभिन्न नाटकों का संचालन व निर्देशन
 
 
 मैथिलीशरण गुप्त स्मृति सम्मान (2019)
-सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति सम्मान
समेत कई पुरस्कार
अध्यक्ष -भारत नैपाल मैत्री संघ, सिलीगुड़ी शाखा।

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कविता

भाषा की मुनादी
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मैं खुलकर बोलना चाहता हूं
सत्य के पक्ष में
पर नही बोल पा रहा हूं
कुन्द हो रही है मेरी आवाज़
झूठ के नुमाइंदों के बीच
 
शब्दों को गढ़ने में माहिर मैं
अभिव्यक्ति की अनुपम कला में माहिर 
तत्पर हूं अभिव्यक्ति के खतरे उठाने खातिर
 
पर ये क्या?
घोंट दिए जा रहे हैं मेरे शब्द
मेरे शब्दों की घरघराहट
भेद रही है मेरे ही कानों को…
 
मैं कर रहा हूं खुद को तैयार बार – बार
पर बार-बार कर दी जाती है मेरी भाषा खारिज
झूठ की तख्तियों के बीच…
 
मैं बोलूंगा,
अवश्य बोलूंगा
सत्य के पक्ष में हमेशा बोलूंगा 
इन ख़तरों को उठाने के लिए अब तैयार हूं मैं
बार -बार हो रही है मेरी भाषा की मुनादी
पर मैं बोलूंगा, भाषा की हत्या होने से पहले
तर्क के ठोस औजार और जीवंत भाषा में बोलूंगा।
 
#डॉ वन्दना गुप्ता

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किताबें

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