प्रसिद्ध अनुवादक एवम लेखिका अमृता बेरा को कल बांग्ला,हिंदी एवं अंग्रेज़ी में परस्पर अनुवाद कार्य के लिए,प्रतिष्टित ‘सोनाली घोषाल सारस्वत सम्मान’, प्रदान किया गया।उन्हें ,कोलकत्ता के सॉल्ट लेक एक्यतान ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में यह पुरस्कार दिया गया।
स्त्री दर्पण की ओर से अमृता जी को बहुत बधाई। हंस में तसलीमा नसरीन का स्तम्भ का अनुवाद अमृता बेरा ही करती हैं।वह तसलीमा की कई कृतियों का अनुवाद कर चुकी हैं।
यह पुरस्कार “भाषा संसद “एवं “अनुवाद “पत्रिका की ओर से यह पुरस्कार दिया जाता है।1975 से यह संस्था अनुवाद के क्षेत्र में सक्रिय है और अनुवाद पत्रिका प्रकाशित करती आ रही है। अनुवाद पत्रिका बांग्ला की अकेली ऐसी पत्रिका है जो विश्व साहित्य से लेकर विभिन्न भारतीय भाषाओं का अनुवाद प्रकाशित करती है। इसके संस्थापक विख्यात साहित्यकार स्वर्गीय श्री वैषम्पायन घोषाल थे। उनकी सहधर्मिणी स्वर्गीय श्रीमती सोनाली घोषाल बांग्ला अनुवाद के जगत में एक उज्जवल नक्षत्र थी। वर्तमान में उनकी पुत्री, कवयित्री, लेखिका वितस्ता घोषाल भाषा संसद की कर्णधार एवं अनुवाद पत्रिका की संपादक हैं। यह प्रतिष्ठान अनुवाद क्षेत्र से जुड़े हस्तियों को सम्मानित करता है।
इस कार्यक्रम में सुपरिचित दलित लेखक मनोरंजन ब्यापारी, कवि प्रसून भौमिक एवं अनुराधा महापात्र, साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता तपन बंद्योपाध्याय, पूर्वांचल साहित्य अकादेमी सचिव डॉ देवेन्द्र देवेश सहित और भी गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे।