हिंदी की प्रसिद्ध अध्येता सुचिता वर्मा को अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान दिए जाने पर स्त्री दर्पण की ओर से बधाई।
उन्होंने अपने पति लेखक कमलेश वर्मा के साथ मिलकर कई साहित्यिक कोशों का निर्माण किया है।यह एक ऐतिहासिक कार्य है।
अयोध्या प्रसाद खत्री खड़ी बोली के पहले कवि थे ।वे बिहार के रहनेवाले थे।बिहार राष्ट्रभाषा परिषद की ओर से शिवपूजन सहाय ने उनकी रचनावली प्रकाशित की थी।वे खड़ी बोली आंदोलन के सूत्रधार थे।
वर्मा दम्पति को एक बार फिर बधाई।
सुचिता वर्मा
अध्यक्ष एवं असिस्टेंट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग,
राजकीय महिला महाविद्यालय, औराई, भदोही
जन्म-तिथि : 26 अगस्त, 1976
शैक्षणिक योग्यता : एम ए , एम फ़िल, पी-एच.डी (जे एन यू, नयी दिल्ली)
पुस्तक : नवरोमानियत और यथार्थ
पुरस्कार : साहित्य सम्मलेन शताब्दी सम्मान, अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान
कमलेश वर्मा
अध्यक्ष एवं प्रोफेसर, हिन्दी विभाग,
राजकीय महिला महाविद्यालय, सेवापुरी, वाराणसी
जन्म-तिथि : 24 जून, 1974
शैक्षणिक योग्यता : एम ए , एम फ़िल, पी-एच.डी (जे एन यू, नयी दिल्ली)
पुस्तकें : काव्य-भाषा और नागार्जुन की कविता, जाति के प्रश्न पर कबीर, निराला काव्य-कोश, निराला शब्द कोश (काव्य)
पुरस्कार : सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार, राजवल्लभ साहित्य सम्मान, अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान
संयुक्त लेखन
पुस्तकें : दूसरी परम्परा का शुक्ल-पक्ष, प्रसाद काव्य-कोश, छायावादी काव्य-कोश
सम्पादन : सत्राची : वीर भारत तलवार विशेषांक, सत्राची : छायावाद पर केंद्रित विशेषांक, बेटियाँ, दुर्लभ परम्परा के आलोचक : वीर भारत तलवार