Homeआलोचनाएक साँझ कविताओं की: आलोचना एक साँझ कविताओं की: By streedarpan January 7, 2023 0 444 Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp नव वर्ष के स्वागत में ‘स्त्री दर्पण’ पर नौ कवयित्रियों की कविताओं का पाठ ,2,3 और 4 जनवरी को ,सायं 7 बजे ,आप सभी का इंतज़ार रहेगा!संचालन:अनुराधा ओस। Share FacebookTwitterPinterestWhatsApp Previous article“आउशवित्ज़ एक प्रेम कथा, वाया कोलकाता”Next article“मृदुला गर्ग की कहानियों में परिवार के रूप” streedarpanhttps://streedarpan.com RELATED ARTICLES आलोचना शिवानी के चर्चित उपन्यास चौदह फेरे पर युवा कथाकार प्रियंका ओम की एक टीप April 14, 2023 आलोचना .”..विभाजन एक ऐसा हिंसक अनुभव रहा है जिसे भूलना कठिन है और याद करना खतरनाक…. “ March 4, 2023 आलोचना •कृष्णा सोबती का पहला और अंतिम उपन्यास : चन्ना• March 4, 2023 Most Popular प्रस्तुत है विश्व पुस्तक मेला की कुछ यादगार झलकियाॅं February 17, 2025 शिवरानी जी अपने समय से बहुत आगे की लेखिका थीं और हिंदी की लेखिकाओं को उनकी तरह दृष्टि अपनानी चाहिए – अशोक वाजपेयी February 17, 2025 तवायफ़ों को तवायफ़ कहना बन्द करें February 17, 2025 एक रौशनी अंधेरे में September 12, 2024 Load more