स्त्री दर्पण की ओर से बधाई
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रांची ।युवा लेखिका रश्मि शर्मा को आज शाम यहां शैलप्रिया सम्मान से विभूषित किया गया।
प्रसिद्ध आलोचक रवि भूषण ने रांची प्रेस क्लब के सभागार में श्रीमती शर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया।
पुरस्कार में ₹15,000 है एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह शामिल है।
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श्रीमती शैलप्रिया झारखंड के सामाजिक साहित्यिक परिदृश्य में एक दौर में बड़ी सक्रियता के साथ कई मोर्चों पर संलग्न रहीं। उनके जीवनकाल में ही उनके कई कविता संग्रह , ‘अपने लिए’, ‘चांदनी आग है’ और ‘घर की तलाश में यात्रा’ प्रकाशित हो चुके थे। एक दिसंबर 1994 को सिर्फ़ 48 वर्ष की उम्र में वे कैंसर की चपेट में आकर चल बसीं। वह प्रसिद्ध लेखक विद्याभूषण की पत्नी और चर्चित पत्रकार कवि प्रियदर्शन की मां थीं उनकी स्मृति में हर वर्ष महिला लेखन के लिए एक सम्मान आयोजन की श्रृंखला में यह छठा आयोजन है।
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अब तक यह सम्मान निर्मला पुतुल, नीलेश रघुवंशी, अनिता रश्मि, अनीता वर्मा और वंदना टेटे को मिल चुका है। प्रख्यात आलोचक खगेन्द्र ठाकुर मंगलेश डबराल, अलका सरावगी, आलोक धन्वा, सी भास्कर राव, शंभु बादल मनमोहन पाठक और खगेंद्र ठाकुरजैसे सुख्यात लेखक इसमें शामिल रहे है ।
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इस बार समारोह की अध्यक्षता झारखंड की हिंदी पत्रकारिता के के स्तम्भ बलबीर दत्त ने की।
रश्मि के 3 कविता संग्रह आ चुके हैं–“नदी को सोचने दो , “मन हुआ पलाश”,और वक़्त की अलगनी पर”।
हाल ही में उनका एक कहानी संग्रह” “बन्द कोठरी का दरवाजा” आया है।रांची विश्विद्यालय से इतिहास में एम ए कर चुकी रश्मि ने एक दशक तक पत्रकारिता भी की है।
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